सतना। मझगवां ब्लॉक की तिघरा पंचायत में मनरेगा के तहत लाखों रुपये के फर्जी मस्टर घोटाले का ग्रामीणों ने आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने अब तक कई शीर्ष अधिकारियों को भी अवगत करा चुके हैं। प्रारंभ में यह केवल आरोपों तक सीमित था, लेकिन लगातार सामने आ रहे साक्ष्य और प्रमाणों ने इस घोटाले को लेकर हर दिन नया खुलासा हो रहा है। ग्राम रोजगार सहायक (जीआरएस) मुकेश विश्वकर्मा के खिलाफ 420 का ग्रामीणों ने आरोप लगाया है।
घोटाला लोकायुक्त के रडार पर
मुकेश के तार जनपद स्तर के कुछ अधिकारियों से जुड़े हैं, जिसके चलते अब तक कार्रवाई नहीं हुई है। घोटाला लोकायुक्त के रडार पर है और संबंधित रिकॉर्ड तलब कर लिया गया है। लोकायुक्त ने बिजली विभाग के लाइन हेल्पर बृजेश प्रजापति के नाम पर हुए सभी मस्टर मांगे हैं।
बृजेश प्रजापति, निवासी तिघरा, ने जनपद सीईओ मझगवां को आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई है कि उनके नाम और जॉब कार्ड नंबर (MP-12-001-055-003/823) का उपयोग कर पिछले चार वर्षों से फर्जी हाजिरी भरकर लाखों रुपये निकाले गए हैं। उन्होंने जीआरएस मुकेश विश्वकर्मा के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि घोटाला सिद्ध होने के बावजूद जिला और जनपद सीईओ की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। जनता को अब लोकायुक्त रीवा से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद है, जबकि आरोपित जीआरएस खुलेआम दावा करता है कि उसने सभी अधिकारियों को “मैनेज” कर लिया है।
बताया जा रहा है कि तिघरा के इस जीआरएस पर पहले से भी कई गंभीर आरोप हैं। घोटालों की यह लंबी फेहरिस्त आने वाले दिनों में और खुलासे कर सकती है।
मुख्यमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में कई बातें सामने निकल कर आई हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत तिघरा में फर्जी स्थलों पर जबरन जिओ टैग कर मनरेगा मस्टरों में हितग्राही, सरपंच ,सचिव के हस्ताक्षर बगैर और फर्जी लेबरों में 60 वर्ष से ऊपर पेंशनधारी, अस्वस्थ एवं गांव से बाहर रह रहे लोग, विद्युत विभाग में कार्य कर रहे लाइन हेल्पर एवं अपनी निजी व्यक्तियों के मास्टर लगाकर मनरेगा की सारी राशि का आहरण कर लिया जाता है। बीते 14 अप्रैल 2025 अंबेडकर जयंती के अवसर पर ग्राम सभा में रोजगार सहायक द्वारा मनरेगा की राशि का आहरण का प्रस्ताव भी सरपंच- सचिव एवं पंचों द्वारा पास किया गया है :-
सीएम के नाम लिखा आवेदन, जानें क्या हैं 10 बड़ी बातें
1. खेत तालाब हितग्राही सुंदरलाल पटेल स्वीकृत क्रमांक 110384 वर्क कोड – 1712001055/IF/22012035269271 , कार्य की स्वीकृत लागत 3,72,000 कार्य 2024 वर्ष में स्वीकृत किया गया था। रोजगार सहायक द्वारा फर्जी मस्टर लगा कर 3,14000 रुपये का आहरण कर लिया गया।
2. खेत तालाब हितग्राही रामकृष्ण मिश्रा जिसका वर्क कोड क्रमांक1712001055/if/22012035269864 और स्वीकृत क्रमांक 110393 दिनांक 28.11.2024 , स्वीकृत राशि 372525 है, आहरण राशि 3,25,000 रुपय है।
3. खेत तालाब हितग्राही राजेंद्र कुमार, स्वीकृत लागत – 3 लाख 72 हजार , कार्य वर्ष – 2024-25 में स्वीकृत किया गया था , स्वीकृति क्रमांक – 110401 , फर्जी मस्टर लगाकर 3 लाख 16 हजार रु राशि का आहरण किया गया है।
4. खेत तालाब हितग्राही राजकुमार मिश्रा, स्वीकृत लागत ₹3,83,000 कार्य – 05/11/2024 वर्ष में स्वीकृत किया गया था , स्वीकृति नंबर -107476 है । रोजगार सहायक द्वारा 3,25,000 रु फर्जी मस्टर भरके राशी निकाल ली है।
5- अर्धन वंड की स्वीकृत लागत 10 लाख ,कार्य 2021-22 वर्ष में स्वीकृत किया गया , फर्जी भुगतान 2,72,000 आहरण किया गया है।
6- CPW निर्माण कार्य. स्वीकृत लागत 4.40lakh . स्वीकृत वर्ष 2023-24 में रोजगार सहायक मुकेश विश्वकर्मा द्वारा बिना MB मूल्यांकन के तीन लाख रुपए का आहरण कर अधूरा छोड़ गया है, अतः स्थल की जांच कर कार्रवाई की जाए।
7- वर्ष 2021 से 23 , लगभग 60 लाख रुपए से भी अधिक की लागत से बनाए गए गैबियन एवं लूज बोलडर की राशि मनरेगा के माध्यम से रोजगार सहायक मुकेश कुमार विश्वकर्मा द्वारा आहरण कर कोई काम नहीं किया गया है। जिनकी स्थल में पहुंच कर निरीक्षण कर लिया जाए ।केवल फोटो के लिए पत्थर रखे गए थे, तत्काल उन्हीं पत्थरों को रोजगार सहायक मुकेश कुमार विश्वकर्मा द्वारा बेच दिए गए।
8- नाली निर्माण महेंद्र पाठक के घर से हरसेड रोड तक का निर्माण नहीं किया गया एवं मनरेगा की राशि 39000 रुपये रोजगार सहायक द्वारा निकले गए।
9- ग्राम पंचायत तिघरा में 3 वर्षों में स्वीकृत प्रधानमंत्री आवास योजना की सारी मजदूरी अपने निजी व्यक्तियों के मास्टर में डालकर राशि का आहरण कर लेता है ,जिसकी शिकायतें निरंतर सीएम हेल्पलाइन में हितग्राहियों द्वारा दर्ज कराई जाती है। लेकिन हितग्राहियों को भयभीत कर लगभग हर माह शिकायतें वापस करवाता है।
10. वर्तमान पदस्थापना से पहले रोजगार सहायक ग्राम पंचायत गुझवा एवं कारीगोही में पदस्थ था वहां भी प्रधानमंत्री आवास की मजदूरी की राशि हड़पने से विवादित होकर, पुनः ग्राम पंचायत तिघरा भेजा गया था।
लिखे गए आवेदन के माध्यम से ग्रामीणों ने शीघ्र जांचकर न्याय पूर्वक कार्रवाई की मांग की है। साथ समस्याओं का निराकरण करने के लिए अपील भी की है।
हालांकि, इस मामले को लेकर BO की टीम ने मझगंवा ब्लाक के सीईओ राहुल पांडेय से बात करने की कोशिश की तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
जानें मुकेश ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
मुकेश कुमार विश्वकर्मा (ग्राम रोजगार सहायक तिघरा) ने इन आरोपों का खंडन किया है। साथ ही उनका कहना कि मुझे जबरदस्ती परेशान किया जा रहा है। भारत ओपिनियन से बात करते हुए मुकेश कहते हैं पूरे ग्राम पंचायत में सरंच, सचिव और AVN उपयंत्री के द्वारा मुझे परेशान किया जा रहा है। इन लोगों के द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्ट्राचार किया जा रहा है। इसकी प्रशासन को जांच करना चाहिए। मुकेश ने ये भी कहा कि मेरे पास इन मामले से जुड़े सारे दस्तावेज हैं।
साथ ही मुख्यकार्यपालन अधिकारी (जनपद पंचायत मझगवां) के नाम पर मुकेश ने एक आवेदन भी दिया है। उन्होंने लिखते हुए कहा कि उपयंत्री सतीश कुमार समेले द्वारा मुझे डरा धमका
कर फर्जी वाडा का कार्य कराया जा रहा है जिसका विवरण क्रमानुशार है।
1. उपयंत्री सतीश कुमार समेले द्वारा मुझ ग्राम रोजगार सहायक को नौकरी हटवाने एवं जान माल की क्षति पहुंचाने की धमकी दी जा रही है।
2. उपयंत्री सतीश कुमार समेले द्वारा फर्जी मस्टर रूल जारी कराया जाता है और कहा जाता है कि मूल्यांकन तो मुझे करना है। मूल्यांकन भी किया जाता है। अनैतिक
रूप से राशि निकलवा कर राशि की मांग की जाती है, और कुछ राशि अपने स्वयं के खाते सतीश कुमार समेले एवं अपने सगे सम्बन्धी कन्हैया लाल समेले के खाते में भी राशि डरा
धमकाकर मुझसे ले ली गई है। कुछ राशि नकद भी ली गई है, जिसका साक्ष्य भी उपलब्ध है।
3.उपयंत्री सतीश कुमार समेले अपने चहेतों के निर्माण कार्य स्वयं अपनी मनमर्जी से करवाते हैं, मूल्यांकन कर राशि आहरित करवाते है एवं इनके द्वारा शासन की गाइड
लाइन के अनुरूप कार्य नहीं कराया जाता है।
4. उपयंत्री सतीश कुमार समेले द्वारा राशि मुझ ग्राम रोजगार सहायक से लेने का नया नया तरीका अपनाते हैं, जिसमे अपने चहेते हितग्राहियों से CM हेल्प लाइन करवाते हैं। फिर मुझे डराकर राशि की मांग करते है एवं राशि ने बाद स्वयं जाकर CM हेल्प लाइन बंद करवाते हैं।
.5. उपयंत्री सतीश कुमार समेले द्वारा हितग्राहियों से भी व्हाटशॉप के माध्यम से राशि की मांग कराई जाती है, जिसका साक्ष्य भी उपलब्ध है।
6. उपयंत्री सतीश कुमार समेले द्वारा स्वयं अपने चहेतों द्वारा स्वयं कार्य कराया जाता है, जिसका उनके द्वारा मैसेज भी भेजा गया है जो भी साक्ष्य रूप में प्रस्तुत है।
7. उपयंत्री जी द्वारा अपने चहेते व्यक्तियों के घर में बैठ कर फर्जी प्रतिवेदन मुझ ग्राम रोजगार सहायक के विपक्ष में बनाते है, फिर राशि की मांग करते है तथा हितग्राही को भी भड़काते हैं। राशि जब उपयंत्री को दी जाती हैं, उसके बाद वह प्रतिवेदन भी बड़ी चतुरता से बदल देते हैं ।
.8. उपयंत्री स्वयं बताते है कि उनको तंत्र मंत्र की सिद्धी भी प्राप्त है वह चाहे तो किसी को भी वश में कर सकते है इनका चैनल भी YOU TUBE में वर्डहिप्नोटिज्म के नाम से
बना है वह अन्य कई प्रकार की तांत्रिक विदया से भी परेशान करने की धमकी देते है।
.9. उपयंत्री सतीश कुमार समेले द्वारा ग्राम पंचायत में भारी भ्रस्टाचार डरा धमका कर किया कराया जा रहा है जिसमे पंचायत मद की सभी रशियों का दुरुपयोग हो रहा है। इनके द्वारा रोड, नाली का घटिया निर्माण कराकर एवं लम्बाई चौड़ाई भी काम बनाकार उनका पूर्ण मूल्यांकन कर राशि हड़पी जा रही है।
हालांकि, ये पूरा मामला प्रशासनिक जांच का बन चुका है, इस मामले की जब तक जांच नहीं हो जाती, किसी संबंधित शीर्ष अधिकारी का बयान सामने नहीं आता दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।
