Shri Ram Mitra Mandal: नोएडा के रामलीला मैदान में श्रीराम मित्र मण्डल रामलीला समिति द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के पांचवे दिन भगवान श्रीराम की भव्य बारात निकाली गई। इस आयोजन में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया और जगह-जगह बारात का स्वागत किया। शोभायात्रा का शुभारंभ हनुमान मंदिर से हुआ और रामलीला स्थल तक पूरे धूमधाम से यात्रा निकली गई। ढोल, बैंड, बाजे, रथ और घोड़े इस शोभायात्रा में शामिल थे, जिससे पूरा वातावरण राममय हो गया।
शोभायात्रा का मार्ग और स्वागत

भगवान श्रीराम की बारात हनुमान मंदिर से शुरू होकर सेक्टर 22-26, डीएम चौराहा, टेलीफोन एक्सचेंज, सेक्टर 9, 12, 55, 56 आदि जगहों से होते हुए रामलीला स्थल पहुंची। पूरे मार्ग में नगरवासियों ने जगह-जगह भव्य स्वागत किया। फूल मालाओं और जय श्रीराम के नारों से पूरे वातावरण में भक्ति और उल्लास का माहौल था। विभिन्न स्थानों पर समाज के प्रमुख लोगों द्वारा बारात का भव्य स्वागत किया गया।

मंचन और राम-जानकी विवाह
शोभायात्रा के रामलीला स्थल पहुंचने के बाद राजा जनक द्वारा बारातियों का स्वागत किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि विधायक श्री विनय वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर लीला का शुभारंभ किया। चार मंडपों में विधि-विधान से भगवान श्रीराम और माता जानकी का विवाह संपन्न हुआ। राजा जनक और अन्य उपस्थित लोगों के बीच इस आयोजन को देखकर भावुकता का माहौल बना रहा। विवाह के बाद जानकी विदाई का मार्मिक दृश्य भी मंचित किया गया, जिससे लोगों की आँखों में आंसू छलक आए।
आगामी मंचन और घटनाएं
7 अक्टूबर को रामलीला के अन्य प्रमुख प्रसंगों का मंचन किया जाएगा। इनमें निषादराज गुहा से राम की भेंट, केवट संवाद, भरत कैकयी संवाद, भरत मिलाप, सुपर्णखा का प्रणय निवेदन, सीता हरण, और शबरी आश्रम जैसे महत्वपूर्ण दृश्य होंगे।
आयोजन की सफलता

इस शोभायात्रा और रामलीला मंचन के आयोजन में श्रीराम मित्र मण्डल रामलीला समिति के अध्यक्ष धर्मपाल गोयल, महासचिव मुन्ना कुमार शर्मा, चेयरमैन उमाशंकर गर्ग और कोषाध्यक्ष राजेन्द्र गर्ग समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे। समिति के सदस्यों और नगर के गणमान्य व्यक्तियों ने इस आयोजन को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
यह भव्य शोभायात्रा और रामलीला मंचन नोएडा के लोगों के लिए भक्ति और उल्लास का प्रतीक बना। पूरे कार्यक्रम में भगवान राम की लीलाओं का जीवंत चित्रण किया गया, जिससे लोगों के दिलों में भक्ति की भावना जागृत हुई।
